ऐक्शन में जगनमोहन रेड्डी, बंगला गिराने के आदेश के बाद बिजली खरीद पर बैठाई जांच

Singh Anchala

अमरावती। आंध्र प्रदेश में नवनिर्वाचित वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने एक और फैसला लिया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एक कैबिनेट उप समिति की नियुक्ति की है जो नायडू के नेतृत्व वाली तेलेगु देशम पार्टी के शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच करेगी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अपराध जांच विभाग और सतर्कता प्रवर्तन विभाग समिति का सहयोग करेगा। 

जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू सरकार के बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा करते हुए अपनी नाराजगी जताई और कहा कि सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है।

सौदों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूछा, कि चंद्रबाबू नायडू प्रतिस्पर्धी बोली चुनने के बजाय उच्च दरों पर बिजली खरीदने क्यों गए? जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि इसकी वजह से आंध्र सरकार के खजाने को 2,636 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने कंपनियों या इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों से धन की वसूली का आदेश दिया है। उन्होंने घाटे के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और अन्य पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी सिफारिश की है।

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने उनके द्वारा बनाए गए बंगले को गिराने का आदेश दिया, जिसको गिराने का काम जारी है। उस बंगले को गिराने के लिए यह हवाला दिया गया है कि वह ग्रीन नियमों की उल्लंघन करके बनवाया गया था। 'प्रजा वेदिका' वही बिल्डिंग है, जहां पर चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री रहते हुए अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग करने के अलावा जनता दरबार लगाते थे। 'प्रजा वेदिका' चंद्रबाबू नायडू के बंगले से बिल्कुल सटा है।

अब सवाल यह है कि इस तरह की बदले की भावना से जो कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में उसके परिणाम कितने घातक होंगे। अभी जगन मोहन सत्ता में आए हैं तो चंद्रबाबू के खिलाफ जांच बैठाने जा रहे हैं। कभी चंद्रबाबू सत्ता में वापसी करेंगे, तो वे जगन मोहन के खिलाफ जांच बैठाएंगे। इसके पहले चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी को बहुत अधिक परेशान किया था।

सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर चंद्रबाबू नायडू ने पहले जगन के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया होता, तो शायद उनके साथ यह दोहराया नहीं जाता। नेताओं की बातों से यह साफ जाहिर होता है कि आंध्र प्रदेश में जो कुछ भी किया जा रहा है, वह बदले की भावना से किया जा रहा है। प्रजा वेदिका को तोड़ने के आदेश पर आंध्र प्रदेश के नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने तंज कसते हुए कहा था कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगनमोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता विपक्ष थे।


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