7 समंदर पार भी बिहारियों ने ज़िंदा रखी अपनी आस्था, दूर देश में होकर भी मनाया छठ पर्व

Gourav Kumar
कांच ही बांस के बहंगिया, दऊरा घाट पहुंचाय...सहित कई अन्य ठेठ भोजपुरी छठ गीत दक्षिण अफ्रीका के केन्या के नैरोबी शहर में भी गुंजे। जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र के चमरहा गांव निवासी विकास कुमार सिंह एक दशक से अफ्रीकी देश केन्या में अपने पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं। नैरोबी में रहने वाले अप्रवासी भारतीय विकास कृषि क्षेत्र में ही व्यवसाय कर रहे हैं। उनकी पत्नी प्रियंका सिंह ने इस बार छठ व्रत धारण किया था। उनके साथ नैरोबी में रहने वाले बिहार, झारखंड समेत अन्य प्रदेश के लोगों ने भी इस व्रत को धारण किया। उन्होंने बताया कि मुंगेर निवासी ममता सिंह, बोकारो निवासी सपना सिंह, पश्चिमी चंपारण निवासी रीता चौरसिया, बक्सर निवासी रूही सिंह, रंजीता राय, मधुबनी निवासी नैना झा, कोलकाता निवासी सरिता सिंह, मुबंई निवासी गुड़िया सिंह आदि ने लोक अस्था का महापर्व छठ मनाया। बताया कि प्राकृतिक व शुद्धता का पर्व छठ पूजा की महत्ता और व्यापकता के बारे मे अन्य भारतीयों को उनकी पत्नी प्रियंका ने साझा कर करीब दर्जन भर बिहार के अलावा अन्य प्रदेश की महिलाओं को भी छठ व्रत के लिए राजी किया।



उन्होंने बताया कि हमारे गांव या शहर की तरह यहां नैरोबी में छठ बाजार नहीं लगता, लेकिन छठ व्रत की सामग्री मिल जाती है। स्थानीय स्तर पर बांस का सूप, दउरा, कई भारतीय फल भी बाजार में उपलब्ध हैं। नई तकनीक के माध्यम से छठ के पूर्व अपने परिवार में माता- पिता से ऑनलाइन वीडियो कॉल कर आर्शीवाद लेकर छठ का व्रत पूरा करते हैं। कहते है कि हम सभी भारतीय अपनी मिट्टी व पंरपराओं की खुशबू को यहां के आमलोगों तक पहुंचा दिया है। स्थानीय लोग भी प्राकृतिक पूजा और इसमें शुद्धता का ख्याल रखे जाने के कायल हैं। अगले दिन एक भव्य कार्यक्रम के तहत भोजपुरी गायकों को आमंत्रित किया जाता है।

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