राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारतवर्ष के पुनर्निर्माण की शुरुआत का प्रतीक है: मोहन भागवत

Raj Harsh
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह भारतवर्ष के पुनर्निर्माण के अभियान की शुरुआत का प्रतीक होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक लेख में, भागवत ने लिखा कि विवाद पर संघर्ष और कड़वाहट समाप्त होनी चाहिए।
दशकों की मुकदमेबाजी के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 के अपने फैसले में अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी। इसने अधिकारियों से मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन का एक अलग टुकड़ा उपलब्ध कराने को भी कहा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव के पुनर्जागरण का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अन्य राजनेता, अभिनेता, मशहूर हस्तियां और संत कल अयोध्या में मंदिर उत्सव में भाग लेंगे। भागवत ने कहा कि भगवान राम को संपूर्ण समाज आचरण के आदर्श के रूप में स्वीकार करता है। अत: अब इस विवाद के पक्ष और विपक्ष में जो विवाद उत्पन्न हुआ है, उसे समाप्त कर देना चाहिए। इस बीच जो कड़वाहट पैदा हुई है वह भी खत्म होनी चाहिए। उन्होंने लिखा, समाज के प्रबुद्ध लोगों को देखना होगा कि विवाद पूरी तरह खत्म हो।

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