ये आसान तरीके CBSE 10th और 12th Exam की तैयारी में करेंगे बेहद मदद

Kumari Mausami
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए निर्देश जारी किये हैं। इसी के तहत अगले तीन माह स्कूलों में पढ़ाई करवायी जाएगी। पहली बार बोर्ड ने परीक्षा के पहले स्कूल और परीक्षार्थियों के लिए स्ट्रेटजी तैयार की है। इससे स्कूल स्तर पर अधिक से अधिक रिवीजन होगा। 


निर्देशों को हर स्कूल को पालन करने को कहा गया है।  सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का शिड्यूल दिसंबर में जारी करेगा। जनवरी में प्रायोगिक परीक्षा होगी। प्रायोगिक परीक्षा समाप्त होते ही सैद्धांतिक परीक्षा शुरू होगी। दो विषयों की परीक्षा के बीच गैप नहीं मिलेगा। इस कारण बोर्ड ने स्कूलों को प्लानिंग करके बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाने का निर्देश दिया है। सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के लिए जारी निर्देश से विद्यार्थियों को फायदा होगा। 


सभी चैप्टर से नोट्स बनाएं
सिलेबस के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक को सही से समझ लें। एनसीईआरटी की किताबों से प्रश्न आते हैं। सभी चैप्टर के छोटे-छोटे नोट्स अपने शब्दों में खुद बनायें। इससे जल्दी याद होगा और अंक भी पूरे मिलेंगे। 


पांच साल के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें विद्यार्थी
बोर्ड परीक्षा का पिछले पांच सालों के प्रश्न पत्र का अभ्यास कराएं। इससे छात्रों की तैयारी बेहतर होगी।


कठिन विषयों को शामिल करें
बोर्ड परीक्षा के लिए साप्ताहिक प्लान शिक्षक और छात्र दोनों बनाएं। इसमें हर उन विषयों को शामिल करें जो कठिन लगता हो। अभी तीन महीने का समय है। इससे हर विषय के लिए अच्छा समय मिल जायेगा। 


ग्रुप डिस्कशन करवाएं
स्कूल स्तर पर छात्रों का ग्रुप बनाकर तैयारी करवायें। इससे जो प्रश्न छात्रों को नहीं आयेगा। उसे साल्व किया जा सकेगा। 


खुद पर दबाव न बनाएं 
बोर्ड परीक्षा को लेकर दबाव में न रहें, बल्कि तैयारी पर ध्यान दें क्योंकि स्ट्रेस का सबसे ज्यादा असर परीक्षा पर ही होता है। 


काउंसिंलिंग करें 
स्कूल और शिक्षक के स्तर पर काउंसिलिंग होनी चाहिए। इससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी अच्छे से हो पायेगी।


निर्देश से छात्रों को ये होंगे फायदे
- प्लानिंग से पढ़ाई होने से छात्रों पर दबाव नहीं होगा 
- सिलेबस समय पर पूरा हो जायेगा।
- किसी प्रश्न या उत्तर के लिए छात्रों को परेशानी नहीं होगी।
- अब छात्रों को अलग से कुछ करने की जरूरत नही होगी।
- काउंसिलिंग होने से परीक्षा से डर, घबड़ाहट आदि नहीं होगी।


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