रेप-गैंगरेप से खुश है भारत सरकार! फैसला देने में लगा देती है कई साल, लेकिन कब तक?

Singh Anchala
लगातार अपराध होने से सभी के मन में एक डर बैठ चुका है प्रियंका रेड्डी का केस इसका एक उदाहरण है जिससे इस समय पूरा देश शाम गया है। आजकल लड़की, लड़के, जानवर, बच्चे, बच्चियां, महिला, बुजुर्ग कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं है फिर वह उनका घर हो, बाहर हो, कोई कॉलेज हो, कोई स्कूल हो, कोई सड़क हो, कोई खेत हो या कोई मंदिर ही क्यों ना हो... हर जगह अपराध हो रहे हैं और इन सभी में सबसे घिनौना अपराध है रेप (दुष्कर्म) जिसके खत्म होने के कोई आसार हमे नजर नहीं आ रहे हैं। यह अपराध एक पेड़ की जड़ के जैसे फैलता जा रहा है जिसे ना काटा जा सकता है ना रोका जा सकता है और ना ही इसके लिए कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है। अपराधियों के बीच रेप करने को लेकर कोई डर नहीं है उनके लिए यह आम बात हो चुकी है।

वह सोचते हैं या तो इसके लिए उन्हें उम्र कैद होगी या फिर मौत की सजा या पैसा देकर छूट जाएंगे लेकिन वह कभी यह नहीं सोचते कि उनका क्या होगा जिनके साथ उन्होंने उस घिनौने अपराध को किया। अगर हम भारत की बात ना करके अन्य देशों की बात करें तो वहां दुष्कर्म के लिए ऐसी सजाएं हैं कि लोग इसके बारे में सोचने से भी कतराते हैं।

उत्तर कोरिया की बात करें तो वहां रेप के लिए मौत दी जाती है और बलात्कारी को सरेआम सिर में कई गोलियां मार दी जाती हैं, संयुक्त अरब अमीरत में बलात्कारी को सात दिनों के अंदर फांसी पर लटका देते हैं, सऊदी अरब में इस्लामिक कानून शरिया को मानते हुए रेप करने वाले को फांसी पर टांगने, सिर कलम करने और यौनांगों को काटने की सजा सुना देते हैं लेकिन भारत के बारे में बात करें तो यहां एक केस सालों तक चलता है रेप के केस को यहां सालों तक लटका कर रखा जाता है और कई बार तो जिसके साथ रेप होता है उसे बुलाकर बार-बार यह पूछा जाता है कि 'रेप कैसे हुआ'...?

यह कोई सवाल है, हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं जहां कोई सुरक्षित ही नहीं है सभी को गंदी नजरों से देखा जाता है। यहां तो बुजुर्ग महिला तक से रेप किया जाता है और सजा के बदले सालों तक केस चलता है। हम यहां निर्भया केस की बात कर सकते हैं जो दिल्ली में हुआ था। यह केस महीनों चला फैसला भी सुनाया गया लेकिन फांसी अब तक नहीं दी गई और अब भी कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया है। हम उन्नाव केस को भी एक उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं जो साल 2017 में शुरू हुआ लेकिन अब तक चल रहा है और कोई फैसला इस मामले में अब तक सामने नहीं आ पाया है।

इन दोनों केस को देखकर हम यह कह सकते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ रेप जैसे असहनीय, खौफनाक अपराध को बढ़ाया जा रहा है क्योंकि इसके लिए कोई ऐसी सजा नहीं तैयार की जा रही है जिससे अपराधियों में डर पैदा हो और वह ऐसा करने के बारे में सोचने से भी सहम जाए। भारत के कई ऐसे शहर हैं जहाँ एक दिन में 4 से 5 रेप के केस होते हैं कई बार तो यह केस ऐसे होते हैं जिनमे वीडियो तक बना लिए जाते हैं।


आखिर कब तक ऐसा ही चलता रहेगा, कब तक सभी डरकर रहेंगे, कब तक अपराधियों को कोई सख्त सजा नहीं मिलेगी, कब तक....? सरकार इस मामले में जब तक कोई सख्त कानून नहीं बनाएगी तब तक ऐसे केस हर दिन होंगे और हर दिन कोई प्रियंका रेड्डी होगी जिसके साथ दुष्कर्म होगा और उसे जलाकर मार दिया जाएगा....

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