लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया

Raj Harsh
एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अपने नौ वर्षों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। लोकसभा ने मंगलवार को अविश्वास पर बहस शुरू की और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के बाद यह बहस हार गई।
करीब 4 महीने बाद संसद लौटे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को चर्चा में हिस्सा लिया. 20 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से संसद में मणिपुर में हिंसा सहित कई मुद्दों पर गतिरोध देखा जा रहा है।
बहस के दौरान, कांग्रेस नेता ने अपने मणिपुर दौरे और राज्य में हिंसा पीड़ितों के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि 'भारत' देश के लोगों की आवाज है और 'मणिपुर में आवाज की हत्या कर दी गई।'
विपक्ष का कहना था कि करीब दो घंटे तक बोलने के बाद भी पीएम मोदी ने मणिपुर का जिक्र नहीं किया. हालांकि पीएम मोदी ने भाषण के आखिरी हिस्सों में मणिपुर पर विस्तृत बयान दिए.
पीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ''2018 में मैंने नेता सदन के नाते उनको (विपक्ष) काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं. अब 2028 में लाने का काम उनको दे रहा हूं, लेकिन कम से कम थोड़ी तैयारी करके आएं. ताकि जनता को लगे कि कम से कम वो विपक्ष के लायक है.''
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष 2023 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा. अब पीएम मोदी ने एक बार फिर 2024 के चुनाव में जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ने का दावा किया है और कहा है कि विपक्ष 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने वॉकआउट करने को लेकर कहा, ''मणिपुर के मुद्दे पर आज भी पीएम 'नीरव' ही बने रहे. 'नीरव' रहने के चलते मैंने सोचा कि नया नीरव मोदी देखने का क्या फायदा. इनके दरबारी सारी बात कह चुके हैं. पीएम मोदी जो दोहराते हैं वो ही बात उनके दरबारी कह चुके हैं.'' उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी को कांग्रेस का डर सताता है.

Find Out More:

Related Articles: