मोदी सरकार ने यूएपीए के तहत सिमी पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया

Raj Harsh
मोदी सरकार ने सोमवार को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध के विस्तार की घोषणा करते हुए कहा कि सिमी को देश की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।
आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संघ घोषित किया गया है। गृह मंत्रालय की एक पोस्ट में कहा गया है कि सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।
इससे पहले, सिमी, जो कथित तौर पर देश में कई आतंकवादी कृत्यों में शामिल था, पर 2001 में सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्रतिबंध को पहला विस्तार 2014 में पांच साल की अवधि के लिए मिला था। बाद में 2019 में सरकार ने इसे फिर से अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, यदि सिमी की गैरकानूनी गतिविधियों पर तुरंत अंकुश और नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेगा, अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करेगा, जो अभी भी फरार हैं और राष्ट्र विरोधी प्रचार करके देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बाधित करेगा।

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