35 साल बाद आया फैसला: राजा मानसिंह हत्याकांड में दोषी 11 पूर्व पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास

Kumari Mausami

मान सिंह राजस्थान में डेग विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। वह 1985 में राजस्थान पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई थी और राजस्थान के बाहर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सुनवाई की गई थी।

 


सीबीआई कोर्ट ने इस घटना के 35 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने मान सिंह की हत्या के एक दोषी या फर्जी मुठभेड़ में 11 आरोपियों को दोषी ठहराया है। तीन अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

 

 

सभी अपराधी एक डीएसपी रैंक के अधिकारी सहित थे, जो तब से सेवा से सेवानिवृत्त हैं। वे जमानत पर बाहर थे, और अब जेल भेज दिए गए हैं।

 

 

एनकाउंटर में मारा गया विधायक मान सिंह, भरतपुर के तत्कालीन राजा का बेटा था। राजा का नाम किशन सिंह था।

 


1985 में 20 फरवरी को मान सिंह ने अपनी जीप को तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर में दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था। मान सिंह ने गजब का अभिनय किया था।

 

 यह चुनावी मौसम था। मान सिंह सात बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे थे। वह डेग निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा निर्दलीय विधायक थे।

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