छावनी में तब्दील हुआ जेएनयू, बढ़ाई गई सुरक्षा, केंद्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट

Singh Anchala
नयी दिल्ली। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में रविवार देर शाम छात्र गुटों में हुई मारपीट के बाद देर रात तक घायलों का एम्स और सफदरजंग अस्पताल पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। रात 10 बजे तक एम्स के ट्रामा सेंटर में 23 और सफदरजंग अस्पताल में 3 घायलों को भर्ती कराया है। जेएनयू छात्र संघ आइशी घोष की हालत गंभीर है। ट्रामा सेंटर में भर्ती आइशी घोष को सिर में कई टांके भी आए हैं। 
 
 
 
एम्स ट्रामा सेंटर के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि रात 10.30 बजे तक उनके यहां 23 छात्रों को गंभीर हालत में भर्ती कराया है। इनमें से करीब 12 छात्रों के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष की हालत गंभीर है। इनके अलावा जेएनयू प्रोफेसर सुचित्रा के सिर में भी काफी चोटें हैं। चार घायलों के हाथ में फ्रैक्चर भी है। फिलहाल घायलों का उपचार किया जा रहा है। 
 
 
वहीं सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तीन घायलों को भर्ती कराया है। डॉक्टरों का कहना है कि तीन में से दो घायलों के सिर पर किसी धार दार हथियार से हमला किया है। हालांकि दोनों ही अस्पताल प्रबंधन ने घायलों की पहचान बताने से साफ इंकार कर दिया। 
 
 
उधर जेएनयू में मारपीट और हंगामे के बाद घायलों को चिकित्सीय मदद के लिए पहुंचे डॉक्टरों की एक टीम पर भी हमला हुआ है। विवि परिसर के बाहर एंबुलेंस को रोक उसपर पत्थरबाजी की गई जिसके बाद एंबुलेंस छोड़ डॉक्टरों को भागना पड़ गया। एम्स आरडीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भट्टी ने बताया कि वे खुद डॉक्टरों की टीम में शामिल थे। देर रात जब वे घायलों की मदद के लिए विवि गेट के पास पहुंचे ही थे कुछ नकाबपोशों ने एंबुलेंस पर हमला कर दिया। 
 
 
 
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक विवि परिसर में हंगामे की सूचना मिलने के बाद ही सात कैट्स एंबुलेंस को तत्काल मौकेपर भेजा गया। इन एंबुलेंस के जरिए घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनके अलावा 10 और कैट्स एंबुलेंस को मदद के लिए भेजा गया है। 
 
 
 

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