देश के दिग्गज वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन
जेठमलानी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। फिलहाल वे आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी थे।
कई बड़े केस लड़े
एक वकील होने के नाते जेठमलानी ने देश के कई बहुचर्चित केस भी लड़े हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्यारों का मद्रास हाई कोर्ट में 2011 में केस लड़ा। स्टॉक मार्केट घोटाला केस में उन्होंने हर्षद मेहता और केतन पारेख की भी पैरवी की। उनका सबसे विवादित केस अफजल गुरू की फांसी का बचाव करना था। जेसिकालाल हत्याकांड में उन्होंने मनु शर्मा का मुकदमा भी लड़ा था।
'स्वतंत्रता के बाद के भारत में आपराधिक कानून को आकार दिया'राम जेठमलानी के निधन पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, अलविदा दोस्त। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “अपने आप में एक संस्था, उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत में आपराधिक कानून को आकार दिया। उसका शून्य कभी नहीं भरा जाएगा और उसका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा।”
गृहमंत्री अमित शाह ने जेठमलानी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं। उनके रूप में हमने न सिर्फ एक दिग्गज वकील को बल्कि एक अच्छे इंसान को भी खो दिया है। जेठमलानी जी का जाना पूरे विधि क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है। कानूनी मामलों में उनकी जानकारी के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।'
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी जेठमलानी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा 'अनुभवी वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर गहरा दुख है। उनकी प्रतिभा, वाक्पटुता, शक्तिशाली वकालत और कानून की ध्वनि समझ कानूनी पेशे में एक योग्य उदाहरण बनी रहेगी।'