कौन हैं IAS पूजा खेडकर? सर्टिफिकेट पर उठे सवाल

Raj Harsh
पुणे में तैनात परिवीक्षाधीन IAS अधिकारी पूजा खेडकर को एक सिविल सेवक के रूप में सत्ता के कथित दुरुपयोग को लेकर विवाद के केंद्र में पाए जाने के बाद मंगलवार को मध्य महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया था। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, पूजा खेडकर वाशिम में अपने प्रशिक्षण का शेष कार्यकाल 30 जुलाई, 2025 तक पूरा करेंगी।
पुणे में स्वतंत्र कार्यालय की मांग करने वाली पूजा खेडकर को वाशिम जिला अधिकारी कार्यालय में अलग से केबिन दिया जाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था।
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं। इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 841वीं रैंक हासिल की थी। पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं। उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे.अब पूजा खेडकर वाशिम में ड्यूटी ज्वाइन कर चुकी हैं।
पुणे में वे वीआईपी नंबर प्लेट वाली ऑडी पर लाल और नीली बत्ती लगाकर घूमती थीं। वे सरकारी दफ्तर में खुद की ऑडी कार लेकर आती थीं. उनकी लग्जरी कार पर सरकारी प्लेट और लाल बत्ती लगी थी।
आईएएस पूजा ने कलेक्टर को वॉट्सएप मैसेज कर अपने लिए अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवास और कॉन्स्टेबल की मांग की थी। सरकारी दफ्तर में खुद की लग्जरी ऑडी लेकर आने वाली पूजा ने कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड लगाया था।
पूजा ने पुणे में प्रोबेशनरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर ज्वाइनिंग की थी। उनकी वीआईपी डिमांड को लेकर कलेक्टर सुहास दिवसे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। इसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।

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