द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बिछड़ गई थी दो बहनें, 78 साल बाद यूं एक-दूजे से मिलीं

Kumari Mausami

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बिछड़ी दो बहनें 78 साल एक टीवी शो की वजह से मिल गईं। इस दौरान दोनों ने टीवी शो और पुलिस को शुक्रिया कहा। आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने पिछले महीने हुई दोनों की मुलाकात के फुटेज अब जारी किए हैं। इनमें 92 साल की यूलिया और 94 साल की रोजलिना खारितोनोवा एक दूसरे को गले लगाती नजर आती हैं। पुलिस ने बताया कि यूलिया की बेटी ने टीवी शो में मां और मौसी की कहानी बताई। फिर दोनों का एक-दूसरे से संपर्क हो सका।

 

दोनों बहनें रूस के स्टेलिनग्राद (अब वोल्गोग्राड) में रहती थीं। 1942 में जर्मनी सेना ने रूस पर हमला कर दिया था। स्टेलिनग्राद उसका मुख्य केंद्र था। हमले में दोनों बहनें अलग हो गईं। युद्ध के बाद सिविलियन ने इन्हें नाजियों (जर्मनी की सेना) के चंगुल से आजाद कराया था। छोटी बहन यूलिया का जन्म 1928 में हुआ था। नाजियों के चंगुल से छूटकर यह 500 किलोमीटर दूर उत्तर में पेंजा शहर में रहने लगी थी। जबकि 1926 में जन्मी रोजलिना को औद्योगिक शहर चेल्याबिंस्क के फैक्ट्री वर्कर ने आजाद कराया था। इसके बाद वह 1400 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व के शहर यूराल्स में रहने लगी थी।

 

छोटी बहन की बेटी ने पुलिस मदद मांगी थी
इतने साल अलग रहने के बाद भी दोनों बहनों ने एक-दूसरे से कभी नहीं मिलने की उम्मीद नहीं खोई थी। उन्हें लगता था, एक दिन वह दोनों मिल ही जाएंगी। यूलिया ने कहा कि मैं हमेशा से रोजलिना को खोजती रहती थी। मुझे उम्मीद थी कि हम एक दिन जरूर मिलेंगे। पुलिस प्रवक्ता इरीना वॉक ने बताया, ‘‘दोनों बहनें दोबारा चेल्याबिंस्क में मिली। यूलिया के बेटी ने पुलिस से अपनी मौसी (मां की बहन) को खोजने के लिए मदद मांगी थी।’’ रोजलिना पहले ही इस तरह के प्रयास कर चुकी थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद उन्होंने बिछड़ों को मिलाने वाले शो में भी हिस्सा लिया था।

 

रूस में इस साल नाजियों पर जीत का 75वीं सालगिरह

रूस इस साल 9 मई को नाजियों पर जीत की 75वीं सालगिरह मनाएगा। जिसका जश्न विश्व स्तरीय होगा। दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी ने रूस को बहुत नुकसान पहुंचाया था। रूस के करीब 2 करोड़ 70 लाख लोग मारे गए थे। अकेले स्टेलिनग्राद में ही 6 महीने के दौरान चली लड़ाई में दोनों देशों के 10-10 लाख से अधिक सैनिकों की जान चली गई थी। फरवरी 1943 में हिटलर की फौज ने सरेंडर कर दिया था।

Find Out More:

Related Articles: