74 वर्ष में UNGA में 4 महिलाओं ने संभाली है अध्यक्ष पद की कुर्सी, भारतीय थीं पहली महिला अध्यक्ष

Gourav Kumar
अमेरिकी दौरे पर आए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 27 सितंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए भारत को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक मिसाल के तौर पर पेश किया। इस सत्र की अध्यक्षता नाइजीरिया के स्थाई प्रतिनिधि तिजानी मोहम्मद-बांडे ने की। करीब 66 साल पहले भी भारत ने यूएन में महिला सशक्तिकरण की ऐसी मिसाल पेश की थी, जो हमेशा के लिए यूएनजीए के इतिहास में दर्ज हो गई। क्या आप जानतें हैं कि यूएनजीए में अब तक केवल चार महिलाएं ही अध्यक्ष बनी हैं? इनमें पहली महिला अध्यक्ष भारतीय थीं। आइये जानते हैं- कौन हैं ये चार महिला अध्यक्ष?



विजय लक्ष्मी पंडित थीं पहली महिला अध्यक्ष
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित थीं। उन्हें 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 8वें सत्र के लिए अध्यक्ष चुना गया था। वर्ष 1946 से 1968 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का नेतृत्व भी किया। विजय लक्ष्मी पंडित स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन थीं। स्वतंत्रता आंदोलन में भी उन्होंने अहम भूमिक निभाई थी, इसके लिए उन्हें कई बार जेल तक जाना पड़ा था। ब्रिटिश राज के दौरान किसी कैबिनेट पद पर रहने वाली प्रथम महिला विजयलक्ष्मी पंडित ही थीं। 1937 में उनका निर्वाचन यूनाइटेड प्रॉविंसेज के विधानमंडल में हुआ तथा उन्हें स्थानीय स्वप्रशासन एवं जन-स्वास्थ्य विभाग में मंत्री बनाया गया। इसके अलावा वह राज्यपाल और राजदूत जैसे कई अहम पदों पर भी रही हैं। इंदिरा गांधी द्वारा लागू किए गए आपातकाल का विरोध करने वालों में विजय लक्ष्मी भी शामिल थीं। 18 अगस्त 1900 को पैदा हुई, विजय लक्ष्मी का निधन एक दिसंबर 1990 को देहरादून में हुआ था।


लाइबेरिया की एंगी एलिजाबेथ ब्रूक्स थीं दूसरी महिला अध्यक्ष
लाइबेरिया की एंगी एलिजाबेथ ब्रूक्स संयुक्त राष्ट्र महासभा की दूसरी महिला अध्यक्ष रही हैं। उन्हें वर्ष 1969 में 24वें सत्र के लिए महासभा का अध्यक्ष चुना गया था। 24 अगस्त 1928 को जन्मी एंगी ब्रूक्स का निधन 9 सितंबर 2007 में हुआ था। वह इस पद पर पहुंचने वाली अफ्रीकी मूल की एक मात्र महिला रही हैं। 1954 में वह यूनाइटेड नेशन में लाइबेरिया की तरफ से स्थायी सदस्य बनीं और 1977 तक उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी संभाला। संयुक्त राष्ट्र में रहते हुए उन्होंने कई औपनिवेशिक देशों को स्वतंत्र देश का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इसके बाद 04 मई 1977 को वह राष्ट्रपति टॉलबर्ट द्वारा लाइबेरियन सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएट जस्टिस बनायी गईं। लाइबेरिया सुप्रीम कोर्ट में बतौर न्यायाधीश नियुक्त होने वाली वह देश की पहली महिला जज थीं। उनके सम्मान में लाइबेरिया की राजधानी मोनरोविआ में एंगी ब्रूक्स इंटरनेशनल सेंटर बनाया गया है। इसका मकसद महिला सशक्तिकरण, महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकसित करना और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देना है।


बहरीन की हया राशेद अल खलीफा तीसरी अध्यक्ष
बहरीन की हया राशेद अल खलीफा संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी महिला अध्य रही हैं। उन्हें वर्ष 2006 में महासभा के 61वें सत्र के लिए अध्यक्ष चुना गया था। हया राशेद का जन्म 18 अक्टूबर 1952 को हुआ था। उनकी गिनती बहरीन की प्रख्यात महिला वकील और राजनयिकों में होती है। वह वर्ष 1999-2004 के फ्रांस में बहरीन की राजदूत भी रही हैं। वह बहरीन की पहली महिला राजदूत थीं।



मरिया फरनेन्डा एस्पिनोसा चौथी अध्यक्ष रहीं
किसी लातीन अमेरिकी देश से संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली इक्वाडोर की मरिया फरनेन्डा एस्पिनोसा पहली महिला अध्यक्ष हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में वह चौथी महिला अध्यक्ष थीं। 7 सितंबर 1964 को जन्मीं मारिया 2018 में महासभा की 73वीं सत्र के लिए अध्यक्ष चुनी गईं थीं। मारिया, यूएनजीए की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित से बहुत प्रभावित थीं। उन्होंने एक बार कहा था कि उन्हें विजय लक्ष्मी पंडित से प्रेरणा मिलती है। वह 28 नवंबर 2012 से 23 सितंबर 2014 तक इक्वाडोर की नेशनल डिफेंस मिनिस्टर भी रह चुकी हैं। वह इक्वाडोर की पूर्व विदेश मंत्री भी रही हैं।

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