यूपी पुलिस गुरुवार को सोनाक्षी सिन्हा से धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ करने मुंबई स्थित उनके घर पहुंची। कथित तौर पर एक इवेंट में परफॉर्मेन्स के लिए उन्हें 37 लाख रुपये मिले थे, लेकिन वे इस आयोजन में नहीं पहुंची थीं। इसी मामले को लेकर मार्च 2019 में इलाहबाद हाईकोर्ट जज नाहीद.आर.मोनीस और वी.के.श्रीवास्तव ने सोनाक्षी के वकील इमरान उल्लाह की दलीलें सुनकर आरोप पत्र दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
सोनाक्षी ने दी सफाई : सोनाक्षी ने इस मामले में ट्विटर पर एक पोस्ट कर सफाई दी है। सोनाक्षी ने लिखा- "एक आयोजक जो अपनी प्रतिबद्धता पर खरा नहीं उतर सका, वह सोचता है कि वह प्रेस में मेरी स्पष्ट छवि को खराब करके पैसे कमा सकता है।
यह था मामला : मुरादाबाद में पिछले दिनों सोनाक्षी सिन्हा समेत पांच लोगों के खिलाफ 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप थे कि सोनाक्षी एडवांस पेमेंट लेने के बावजूद दिल्ली में शो करने नहीं पहुंचीं। आयोजक प्रमोद शर्मा ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इससे दुखी होकर प्रमोद ने 13 फरवरी को जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी।
5 लोगों पर लगा था आरोप : कटघर इलाके के शिवपुरी गांव के प्रमोद शर्मा ने पिछले साल 24 नवंबर को मुरादाबाद के एसएसपी से सोनाक्षी सिन्हा के खिलाफ शिकायत की थी। सोनाक्षी को दिल्ली में 30 सितंबर को इंडिया फैशन एण्ड ब्यूटी अवाॅर्ड में प्रस्तुति देनी थी। जांच के बाद सोनाक्षी, टैलेंट फुल ऑन कंपनी के अभिषेक सिन्हा, मालविका पंजाबी, धूमिल ठक्कर और एडगर सकारिया को IPC की धारा 406 और 420 के तहत आरोपी बनाया गया है।