स्वाद और गंध की क्षमता में कमी भी कोरोना संक्रमण के नए लक्षणों में हुआ शामिल

Kumari Mausami

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित CMP (क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल्स) के अनुसार, अब गंध या स्वाद की कमी का होना भी कोविड-19 के लक्षणों में से एक होगा। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स द्वारा चर्चा की गई थी, जिसके बाद इस बारे में निर्णय लिया गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में इस मुद्दे को कोविड से संबंधित मामलों में राष्ट्रीय टास्क फोर्स में लाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि कोरोना के मामलों में पाया गया है कि रोगियों के सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता में कमी आई है।

 

 

वर्तमान में किसी शख्स का कोरोना टेस्ट लेने के संदर्भ में 13 क्लीनिकल सिंपटम (लक्षण) और संकेत हैं जो पिछले महीने संशोधित किए गए थे। इन लक्षणों में बुखार, खांसी, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, सांस फूलना, नौसिया, रक्तगुल्म (खून का ऊपर उठना), शरीर में दर्द, गले में खराश, सीने में दर्द, नाक से पानी निकलने को शामिल किया गया है। एक या अधिक लक्षणों वाले किसी भी रोगी को टेस्ट की अनुमति दी जाती है।

 

 

स्वाद और गंध के नुकसान को भी इस सूची में जोड़ा दिए जाने के बाद से अब एक रोगी को परीक्षण करने के लिए एक या उससे अधिक 15 लक्षणों की सूचना देनी होगी। राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य परीक्षण मानदंडों के लिए दुनिया भर में मौजूद नवीनतम दैनिक ​​डाटा को देखते हैं।

 

 

अप्रैल में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कई यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर कोविड -19 के प्रमुख लक्षणों में से एक के रूप में गंध और स्वाद की कमी को जोड़ा था। यूनाइटेड किंगडम ने 18 मई को कोविड -19 लक्षण की अपनी सूची में इसे (गंध और स्वाद की क्षमता में कमी) शामिल किया था।

Find Out More:

Related Articles: