वंदे भारत ट्रेन 2.0 संस्करण अधिक सक्षम और भविष्यवादी होगा

Kumari Mausami
रेल मंत्रालय भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जिस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी, वह सरकार और रेलवे का सपना रही है। अब तक, 6 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जिनमें से छठी ट्रेन को मोदी ने 11 दिसंबर, 2022 को नागपुर से बिलासपुर के लिए हरी झंडी दिखाई थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में नागपुर रेलवे स्टेशन पर फ्लैग ऑफ किया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक साल के अंत में कोलकाता के हावड़ा स्टेशन से जलपाईगुड़ी तक एक और वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी है, जिसके लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। योजना के अनुसार, पहली पांच वंदे भारत ट्रेनें नई दिल्ली से वाराणसी, नई दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी कटरा, गांधीनगर से मुंबई, नई दिल्ली से अहमदाबाद और चेन्नई से मैसूरु के बीच चल रही हैं।
रेल मंत्रालय के मुताबिक 115 किमी प्रति घंटे से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नई ट्रेन के वाइब्रेशन टेस्ट चल रहे हैं। साथ ही 160 किमी प्रति घंटे की इमरजेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस (ईबीडी), ब्रेक सिस्टम, आग, धुआं और शोर की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही 180 किमी प्रति घंटे की गति से संस्करण का परीक्षण रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त द्वारा भी किया जा रहा है।
नई वंदे भारत ट्रेन का पहला संस्करण 30 सितंबर, 2022 को गांधीनगर, गुजरात से मुंबई सेंट्रल, महाराष्ट्र तक चलना शुरू हुआ और इसे लोगों की स्वीकृति मिली है। रेल मंत्रालय ट्रेन को और अधिक कुशल बनाने के लिए इसकी कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहा है। पहियों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने 1,540,000 पहियों के निर्माण और आपूर्ति के लिए सुविधाएं स्थापित करने के लिए संभावित विक्रेताओं से बोलियां आमंत्रित की हैं।

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