पीएम मोदी 5 जनवरी को कोच्चि-मंगलुरु गैस पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे
गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा निर्मित, 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन में प्रति दिन 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर की परिवहन क्षमता है और यह कोच्चि (केरल) के लिक्विफाइड नेशनल गैस (एलएनजी) रेग्युलेशन टर्मिनल से मंगलुरु (दक्षिणा) तक प्राकृतिक गैस ले जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, कन्नड़ जिला, कर्नाटक, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से यह पाइपलाइन गुजरेगी।
यह परियोजना लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है और इसका निर्माण 12 लाख से अधिक मजदूरों के सहयोग से हुआ है।
बयान में कहा गया, पाइपलाइन का बिछाना एक इंजीनियरिंग चुनौती थी क्योंकि पाइपलाइन के मार्ग ने 100 से अधिक स्थानों पर जलस्रोतों को पार करना काफी चुनौतीपूर्ण था । यह एक विशेष तकनीक के माध्यम से किया गया था, जिसे क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि कहा जाता है।
पाइपलाइन परिवहन क्षेत्रों में घरों और संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) को पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ईंधन की आपूर्ति करेगी। यह पाइपलाइन के साथ जिलों में वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति भी करेगा। पीएमओ ने कहा कि स्वच्छ ईंधन के उपयोग से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।