गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष चुने जाने पर युवराज ने दी बधाई दी, यो-यो टेस्ट को लेकर ली चुटकी

Gourav Kumar
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और एक तरह से टीम के सुपरहीरो रह चुके सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष चुन लिया गया है। वे 23 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से अध्यक्ष बन जाएंगे। टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने बोर्ड प्रेसिडेंट चुने जाने पर गांगुली को बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में यो-यो टेस्ट को लेकर भी चुटकी ली। युवराज ने लिखा, ‘महान आदमी का सफर भी महान होता है। भारतीय कप्तान से बीसीसीआई अध्यक्ष तक, मेरी नजर में एक क्रिकेटर का प्रशासक बनना बेहद फायदेमंद साबित होगा। दूसरे लोगों को खिलाड़ियों की नजर से प्रशासक को समझने का मौका मिलेगा। काश उस वक्त आप अध्यक्ष होते, जब यो-यो टेस्ट की जबरदस्त मांग थी। गुडलक दादी सौरव गांगुली।' युवराज की बधाई का जवाब देते हुए गांगुली ने लिखा, 'थैंक यू द बेस्ट। आपने भारत के लिए वर्ल्ड कप जीते हैं। अब खेल के लिए कुछ अच्छी चीजें करने का वक्त है। आप मेरे सुपरस्टार हो। आप पर भगवान का आशीर्वाद हमेशा बना रहे।'


Greater the man greatest the journey! Frm IndianCaptain to @BCCI president.Think it will b a gr8 insight 4 a cricketer to be an administrator & make others understand admin frm a players point of view Wish u were d president while d yoyo was in demand😂good luck dadi👊@SGanguly99

— yuvraj singh (@YUVSTRONG12) October 18, 2019


युवराज ने यो-यो टेस्ट की बात इसलिए लिखी क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें टीम से बाहर करने के लिए ही इस टेस्ट को लाया गया था। इस साल दिए एक इंटरव्यू में युवराज ने बताया था कि बीसीसीआई ने उनसे यो-यो टेस्ट में विफल रहने पर उन्हें विदाई मैच खिलाने का वादा किया था। हालांकि इस टेस्ट को पास करने के बाद भी उन्हें विदाई मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया। लगभग 17 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद जून 2019 में युवराज ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था। युवराज ने भारत की ओर से आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच जून 2017 में खेला था। बीसीसीआई के विभिन्न पदों के लिए 23 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ सौरव गांगुली ने ही नामांकन दाखिल किया है, ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना तय है। हालांकि वे सिर्फ 10 महीने तक ही इस पद पर रह सकेंगे। दरअसल लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार कोई व्यक्ति राज्य या बीसीसीआई में लगातार छह साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता। गांगुली साल 2014 से ही बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (कैब) के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं और ऐसे में वे जुलाई 2020 तक ही इस पद पर रह सकेंगे। इसके बाद उन्हें तीन साल के कूलिंग पीरियड पर जाना होगा। यानी वे तीन साल तक राज्य या बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं रह सकते।

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