Diwali 2019: व्यापारियों के लिए जरूरी है बहीखाते की पूजा, जानिए पूजा विधि

Gourav Kumar
आज 27 अक्टूबर 2019, रविवार यानि आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा हैं, आज के दिन व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों के बही खाते, तराजू व बांट का पूजन करते हैं| आज के ही दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के पूजन के साथ धन के देवता भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती हैं, साथ में बहीखाते की भी पूजा करना शुभ माना जाता हैं। दरअसल दिवाली के दिन से ही व्यापारियों के नए साल की शुरुआत होती हैं, ऐसे में बहीखाते की पूजा करने का बड़ा महत्व होता हैं। दिवाली के दिन दीपक जलाने की प्रथा हैं और ऐसा करना शुभ माना जाता हैं। दिवाली के दिन बहीखाते की पूजा करने से देवी माँ लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहती हैं और ऐसे घर में कभी भी दरिद्रता नहीं आती हैं।



बहीखाते की पूजन विधि
दिवाली के दिन बहीखाते की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए, इस दिन नवीन खाता पुस्तकों में लाल चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए और फिर इसके बाद स्वास्तिक के ऊपर श्री गणेशाय नमः लिखना चाहिए। इतना करने के बाद एक नई थैली लेकर उसमें हल्दी की पांच गांठे, कमलगट्ठा, अक्षत, दुर्गा, धनिया व दक्षिणा रखकर, थैली में भी स्वास्तिक का चिन्ह बनाए और फिर माँ सरस्वती का ध्यान करना चाहिए, आज के दिन ही विद्यार्थी, माँ सरस्वती की पूजा करते हैं ताकि उनके ऊपर माँ सरस्वती की कृपा बनी रहे, माँ सरस्वती ज्ञान की देवी मानी जाती हैं।



देवी लक्ष्मी की पूजन विधि
देवी माँ लक्ष्मी की पूजा करने के लिए, जहां पर नवग्रह यंत्र हो वहां पर रुपये, सोने या चांदी का सिक्का रखें। इसके बाद मिट्टी की बनी हुई भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें। यदि कोई धातु की मूर्ति हो तो उसे भगवान का साक्षात् रूप मानकर दूध, दही, और गंगाजल से स्नान कराकर चंदन का श्रृंगार करके फूलों से सजाना चाहिए। अब मूर्ति के दाहिने ओर घी या तेल का पंचमुखी दीपक जलाए और फिर विधों-विधान पूर्वक देवी की पूजा करे ताकि उनकी कृपा आपके ऊपर बनी रहे। देवी लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती हैं और उन्हें बहुत चंचल माना जाता हैं, ऐसा कहा जाता हैं कि वो एक जगह नहीं टिकती हैं, उनकी कृपा पाने के लिए दिवाली के दिन विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। इतना ही नहीं हमेशा अपने घर को साफ-सुथरा रखे क्योंकि देवी लक्ष्मी को साफ-सुथरे घर पसंद आते हैं और वो ऐसे ही घर में निवास करती हैं जहां साफ-सफाई होती हैं।


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