हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार एनआरसी का समर्थन किया

Raj Harsh
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन करते हुए कहा कि अगर राज्य में एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है, तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
असम के सीएम का बयान नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) के कार्यान्वयन को लेकर पूरे असम में विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन के बीच आया है। सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त करता है।
शिवसागर में एक कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने कहा, मैं असम का बेटा हूं और अगर राज्य में एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है, तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो लोग 2014 के बाद भारत आए हैं उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी और ऐसे आवेदकों की संख्या नगण्य होगी। उन्होंने कहा, लोग खुद को विदेशी नहीं बताना चाहते। बराक घाटी के तीन जिलों से 50,000-60,000 आवेदन आ सकते हैं, जबकि ब्रह्मपुत्र घाटी के जिलों में यह नगण्य होगा।

सरमा ने कहा, यह उन लोगों के लिए समय है जो राजनीति में हैं कि वे अपने दावों को उसी तरह साबित करें जैसे सीता को अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा था।

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