भारत में मेट्रो ट्रेन सेवाएं मुफ्त नहीं दी जा सकतीं: हरदीप सिंह पुरी

Raj Harsh
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार (27 सितंबर) को कहा कि लोगों को मेट्रो रेल जैसी आधुनिक सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं मुफ्त में नहीं दी जा सकतीं। उन्होंने इंदौर में इंडिया स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव 2023 के दौरान मीडिया से कहा कि मेट्रो रेल और इलेक्ट्रिक बस परियोजनाएं पूंजी-केंद्रित हैं और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होनी चाहिए।
पुरी ने किसी भी पार्टी का नाम लिए बिना कहा, कुछ राजनीतिक दलों का दर्शन यह है कि ऐसी सभी सेवाएं नागरिकों के लिए मुफ्त की जानी चाहिए। मंत्री ने कहा, अगर आप आधुनिक तकनीक से लैस सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं चाहते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि ये सेवाएं मुफ्त प्रदान की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी मेट्रो रेल परियोजनाएं विफल नहीं हुई हैं और हर शहर में पर्याप्त अध्ययन के बाद ही परियोजना को सरकार की मंजूरी दी गई है। पुरी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधान मंत्री थे तब देश में मेट्रो रेल आई और अब 27 बड़े शहरों में मेट्रो परियोजनाएं हैं, उन्होंने कहा कि देश भर में 870 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क बिछाया गया है जबकि 936 किलोमीटर का निर्माण कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देशभर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना पर भी काम कर रही है और इनमें से 500 बसें अगले कुछ महीनों में चलने लगेंगी। मंत्री ने कहा, स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता के बाद पूरे देश में यह संदेश जा रहा है कि परियोजना के तहत किया जा रहा नवोन्मेषी काम केवल 100 शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, कुछ राज्य सरकारें केंद्र की मदद के बिना अपने दम पर स्मार्ट सिटी और स्मार्ट जिले बना रही हैं।

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