भारतीय सेना प्रमुख ने कहा कि चीन की सऊदी अरब और ईरान के बीच शांति वार्ता की योजना और साथ ही रूस-यूक्रेन के स्थान को समाप्त करने की शांति योजना यह संकेत दे रही है कि चीन एक वैश्विक सुरक्षा प्रदाता बनना चाहता है। जनरल पांडे ने कहा, सऊदी अरब और ईरान के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता और यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए चीनी 12 सूत्री शांति योजना को सामने रखना अमेरिका को वैश्विक सुरक्षा प्रदाता के रूप में बदलने की चीनी तात्कालिकता को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भू-राजनीतिक स्थिति को बदल दिया। भारतीय सेना प्रमुख ने कहा, चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष ने भू-राजनीतिक सुरक्षा कैलकुलेशन में कई पहलुओं को गहराई से उभरने के साथ ही परिदृश्य में अशांति को जोड़ा है।
जनरल पांडे ने कहा कि रणनीतिक पड़ोस को अनिश्चितता के आर्क के रूप में देखा जा सकता है। क्षेत्रीय के साथ-साथ समुद्री दोनों तरह के अनसुलझे सीमा विवाद, अवैध सीमा पार प्रवासन, अवैध और अनियमित मछली पकड़ने जैसे गैर-पारंपरिक खतरे और जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदा के लिए क्षेत्रीय भेद्यता के साथ बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद दक्षिण एशिया क्षेत्र को प्रवाह में रखने वाले हैं, उसने जोड़ा।