आतंकवाद विरोधी बैठक में शामिल हुए पीएम मोदी

Kumari Mausami
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता देकर अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद को मदद देने वाले देशों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नई दिल्ली में काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई बेहद जरूरी है। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए व्यापक, सक्रिय, प्रणालीगत प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। आतंकवादियों का पीछा करना चाहिए, समर्थन नेटवर्क तोड़ना चाहिए, उनके वित्त पर चोट करनी चाहिए।
महत्वपूर्ण यह है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद, उग्रवाद की समस्याओं का समाधान करें। कट्टरपंथ का समर्थन करने वालों के लिए किसी भी देश में जगह नहीं होनी चाहिए। आतंकवादियों के लिए सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को भी अलग-थलग किया जाना चाहिए।
ऐसे मामलों में दखल देने वाले अगर और मगर नहीं हो सकते। दुनिया को आतंकवाद के सभी प्रकार के प्रकट और गुप्त समर्थन के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से एक बड़ी रणनीति के बिना आतंकवादियों के खिलाफ सामरिक लाभ जल्द ही खो जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का अर्थ शांति है। छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होते हैं। आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर एक लागत लगाई जानी चाहिए।

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