लॉकडाउन में फंसा था बेटा तो 1400 Km स्कूटी चला कर लेने पहुंची मां

Kumari Mausami

एक सरकारी स्कूल की 48 वर्षीय प्रधानाध्यापिका ने तेलंगाना के निज़ामाबाद के बोधन से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में अपनी स्कूटी पर 1,400 किलोमीटर की दूरी तय की और अपने बेटे को वापस लाने के लिए, जो एक दोस्त के घर पर फंसे हुए थे। उसका बेटा, 19 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन, हैदराबाद में नारायण मेडिकल अकादमी में एक छात्र था, 12 मार्च को नेल्लोर के रहमतबाद में अपने सहपाठी के साथ गया था।

 

 

 


स्कूटी से तय की 1400 किमी सफर
तेलंगाना के निजामाबाद जिले की रहने वालीं 50 वर्षीय रजिया बेगम अपने स्कूटी से 700 किलोमीटर दूर नेल्लोर चली गईं, जहां उनका बेटा लॉकडाउन में फंसा था और फिर अपने बेटे को स्कूटी पर बैठाकर घर वापस ले आईं। रजिया बेगम निजामाबाद के बोधन शहर में एक सरकारी शिक्षिका हैं। रजिया अपने बेटे को लाने के लिए सोमवार की सुबह स्कूटी से निकलती हैं और मंगलवार को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर पहुंचती हैं। वहां से वह अपने 17 साल के बेटे मोहम्मद निजामुद्दीन को स्कूटी पर बैठाकर वापस घर चली आती हैं और वह बुधवार को शाम में अपने घर पहुंचती हैं। इस दौरान रजिया तीन दिनों में कुल 1400 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। उनका बेटा नेल्लोर में अपने दोस्त के घर पर फंस गया था। 

 

 

 

 

हालांकि, लॉकडाउन होने की वजह से इस असंभव काम में उनकी मदद बोधन जिले के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी करते हैं। रजिया अपने बेटे को वापस लाने का वाजिब कारण बताती हैं और उनसे जाने की मंजूरी मांगती हैं। रजिया की गुहार सुनकर जयपाल रेड्डी उन्हें एक विशेष लेटर जारी करते हैं, ताकि प्रशासन कहीं भी रोके-टोके नहीं। हालांकि, इस दौरान रजिया को कई जगहों पर पुलिसवाले रोकते भी हैं, मगर एसीपी द्वारा दी गई विशेष पास की बदौलत उन्हें कहीं ज्यादा दिक्कत नहीं आती है और वह अपने बेटे को सुरक्षित घर लाने में कामयाब रहती हैं। 

Find Out More:

Related Articles: