भाजपा की करारी हार, राज्य में अब सोरेन सरकार, 27 को शपथग्रहण
चुनावों में भाजपा का मिशन 65 यानी 65 सीटें जीतने का दावा ध्वस्त हो गया। इसी के साथ यह रिकॉर्ड कायम रहा कि झारखंड राज्य के गठन के 19 साल में कोई भी सत्तारूढ़ पार्टी वापसी नहीं कर सकी है। चुनाव में मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत भाजपा के 5 मंत्री हार गए। चुनाव पूर्व सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी को भी 3 सीटें ही मिलीं। इस बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन पिता शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया। 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग होकर नया राज्य बनने के बाद झारखंड में 19 साल में पांचवीं बार सोरेन परिवार को सत्ता मिलने जा रही है। हेमंत के पिता तीन बार राज्य के सीएम रहे तो वहीं, हेमंत दूसरी बार सीएम पद संभालेंगे।
महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने कहा कि यह परिणाम पिता शिबू सोरेन के समर्पण और परिश्रम का नतीजा हैं। आज जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के संकल्प का दिन है। अब राज्य के लिए एक नया अध्याय शुरू होगा। ये मील का पत्थर साबित होगा। उम्मीदें नहीं टूटेंगी। नौजवान, किसान, महिला, व्यापारी, बूढ़े-बच्चे, मजदूरों सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। जमशेदपुर पूर्व सीट पर रघुवर दास को भाजपा के बागी उम्मीदवार और रघुवर मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे सरयू राय ने ही हरा दिया। रघुवर 24 साल से यहां जीतते आए थे। वहीं, दुमका में हेमंत सोरेन ने रघुवर सरकार की मंत्री डॉ लुईस मरांडी को पछाड़ दिया है, तो कोडरमा में राजद के अमिताभ कुमार ने शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव को हराया। श्रम मंत्री राज पलिवार मधुपुर विधानसभा सीट पर झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी से हार गए, वहीं जल संसाधन मंत्री राम चंद्र सहिस तो दौड़ से ही बाहर हो गए।