हुमा ने इस मामले में कई सारे ट्वीट किए हैं। अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा- यह असत्य है। हम धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र हैं। छात्रों के साथ व्यवहार में पुलिस ने जो हिंसा दिखाई है, वह भयानक है। नागरिकों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह क्या अब यह भी विकल्प नहीं बचा है?"
हुमा के ट्वीट का जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा- छात्रों को देखिये कैसे पुलिस पर पथराव कर रहे है, अब अगर इनपर लाठी चार्ज हो तो मुट्ठी भर लोग लखनऊ पुलिस को गलत बनाने का काम करेंगे। ऐसे उपद्रवी कभी छात्र नहीं हो सकते। पूरी सख्ती दिखाइए कोई नरमी नहीं होनी चाहिए। बता दें सोशल मीडिया पर पुलिस के छात्रों के साथ बर्ताव को लेकर भी खूब विरोध हो रहा है तो वहीं कुछ लोग पुलिस का सपोर्ट भी कर रहे हैं।
बता दें, रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. हालांकि, पुलिस ने छात्रों पर गोलियां चलाने की बात से साफ इनकार किया है। वहीं प्रदर्शनकारी सोमवार को भी सुबह से ही सड़कों पर आ गए और पुलिस कार्रवाई का विरोध जताने लगे। उधर, डीयू में भी प्रदर्शन हुआ और छात्रों व पुलिस में हल्की झड़प हुई। पुलिस ने दोपहर व शाम को जामिया नगर समेत कई इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला।