ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान हैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर जिनका आज 28 सितंबर को 91वां जन्मदिन है। फिल्म संगीत में 70 साल के अभूतपूर्व योगदान पर प्रधानमंत्री ने 6 सितंबर को ट्वीट कर उन्हें ‘डॉटर ऑफ द नेशन’ का खिताब देने की घोषणा की थी। इंदौर में जन्मीं लताजी ने गाने की शुरुआत 1940 में की। तब वे महज 11 साल की थीं। 1943 में मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ में उन्होंने हिंदी गाना ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे’ को आवाज दी, यह उनका पहला गाना है। 2001 में उन्हें भारत रत्न और 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला। लता जी सरल-निर्मल हैं, सम्मानित इतनीं कि सब उन्हें ‘दीदी’ कहकर पुकारते हैं।
मशहूर गायिका लता मंगेशकर हिंदी सिनेमा में काफी बड़ा नाम है, उन्होंने अपने पूरे करियर में कई भाषाओं में गाने गाए हैं लेकिन उन्हें हिंदी गायिका के तौर जाना जाता है। भारत रत्न लता मंगेशकर ने 30 हजार से भी ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। लता मंगेशकर ने करीब 7 दशकों तक हिंदी गानों की दुनिया पर राज किया है। साधारण भाषा में कहें तो लता मंगेशकर के गीतों का दौर कभी खत्म ही नहीं हुआ। आज भी उनके गानों को लाखों लोग पसंद करते हैं। लता जी को 2001 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा लता को कई अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। वहीं अब भारतीय फिल्म संगीत में सात दशक के अभूतपूर्व योगदान के लिए स्वर कोकिला लता को आज डॉटर ऑफ द नेशन का खिताब दिया जाएगा।
लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं. मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं. उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। बता दें कि लता ने साल 1942 में 'किटी हसाल' के लिए अपना पहला सॉन्ग रिकॉर्ड किया था। लेकिन ये बात उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को पसंद नहीं आई और उन्होंने फिल्म से लता का सॉन्ग हटवा दिया था। लेकिन लता मंगेशकर ने उसके बाद भी गाना जारी रखा। लता ने 1950 के दौर में कई सुपरहिट फिल्मों में अपनी रूहानी आवाज़ के जरिए सुनने वालों को सुकून पहुंचाया। उस दौरान उन्होंने बैजू बावरा, मदर इंडिया, देवदास और मधुमति जैसी हिट फिल्मों में गाने गाए।