रिव्यु : 'मिशन मंगल' कामयाबी के आसमान पर क़दम रखने को बेताब है
आज़ादी के जज़्बे से ओत प्रोत दर्शक को महिला सशक्तिकरण, टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष का सफर और साइंस की दुनिया की भरपूर डोज़ वाली इस फिल्म को दर्शकों ने बड़ी ही उम्मीदों से देखा है और पसंद भी किया है। फिल्म की एडवांस बुकिंग का कलेक्शन, रिव्यु और आने वाले वीकेंड इसकी कामयाबी के संकेत दे रहे हैं।
मिशन मंगल एक टीमवर्क है जहाँ अक्षय का लेडी गैंग मिशन को सफल बनाता है। अक्षय के साथ विद्या बालन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, सोनाक्षी सिन्हा, नित्या मेनन, शर्मन जोशी और एच जी दत्तारेया अहम भूमिका निभाते नजर आए हैं। फिल्म को जगन शक्ति ने डायरेक्ट किया है।
कहानी : फिल्म की कहानी इसरो के मंगल मिशन पर है जहाँ दिखाया गया है कि कैसे इसरो के वैज्ञानिक भारत को मंगल पर ले जाने में कामयाब होते हैं। फिल्म की खासियत इसका महिला केंद्रित होना है। कहानी के दौरान महिलाओं के चुस्त दुरुस्त मैनेजमेंट को फोकस किया गया है।
कहानी की शुरूआत में अक्षय कुमार(राकेश धवन) एक सैललाइट लॉन्च करते हैं मगर विद्या बालन(तारा) की एक गलती की वजह से वह मिशन नाकामयाब हो जाता है। जिसका सारा इल्जाम राकेश अपने ऊपर ले लेते हैं। एक नए किरदार के रूप में इसरो में एंट्री होती है नासा के वैज्ञानिक दिलीप ताहिर (रुपर्ट देसाई) जो राकेश के द्वारा की गई हर चीज पर सवाल उठाते हैं। अब राकेश को 2022 में होने वाले मार्स मिशन में डाल दिया जाता है।
किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि मार्स मिशन को सफल बनाया जा सकता है। यहाँ पर अक्षय अपनी महिला टीम के साथ जुट जाते हैं। इसी बीच कई रुकावटें आती हैं मगर टीम का बल और जज़्बा उसे कामयाबी के द्वार तक ले जाता है।
अक्षय और विद्या मंझे हुए कलाकार हैं और दोनों ने उम्मीद के मुताबिक़ बेहतरीन काम किया है। मगर विद्या की दोहरी ज़िंदगी का अभिनय ज़्यादा कठिन रहा जहाँ उनका काम भी अक्षय से ऊपर नज़र आया। उसके बाद सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, नित्या मेनन, शर्मन जोशी यह सब कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। ये सब एक टीम मेंबर की तरह एक सांचे में हैं मगर सबके किरदार अच्छी परफॉरमेंस दिखा रहे हैं।
डायरेक्शन करें तो कुछ सीन्स हैं जो दर्शकों को बांधकर रखते हैं। संगीत के नाम पर अक्षय की महिला सशक्तिकरण पर पढ़ी कविता और गाना पहले ही हिट हो चुका है।