55 कैमरा क्रू मेम्बर, 32 फिल्म स्टार और 1000 सेना के जवानों के साथ कुछ इस तरह शूट हुई थी 'LoC करगिल'

Gourav Kumar
आज सम्पूर्ण भारत देश में कारगिल पर हिंदुस्तान द्वारा दुश्मन देश पाकिस्तान के नापाक इरादों पर फतेह हासिल करने का जश्न मनाया जा रहा है। भारत के जाँबाज सैनिकों ने बेहद ही बहदुरी से लड़ते हुए दुश्मन को पराजित किया और देश को गर्व करने का मौका दिया। भारत के इतिहास में 26 जुलाई बेहद महत्वूपर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन करगिल युद्ध में भारत ने अपनी जीत का झंडा फहराया था और इसी दिन को सरकार ने इसे ''ऑपरेशन विजय'' के नाम से नवाजा था। हमारे बॉलीवुड में भी अक्सर कर के इस तरह की तमाम कई घटनाओं पर फिल्म भी बनी थी। जेपी दत्ता के निर्देशन में बनी फिल्म 'LOC करगिल' फिल्म बनी थी मगर इस फिल्म को जीवंत दिखाना इतना आसान नहीं था, आइए जानें कैसे बनी थी एलओसी करगिल।



बताते चलें की फिल्म एक सुपरमल्टी स्टारर थी जिसमें कुल 32 अभिनेताओं ने काफी अहम रोल निभाया, इसमें संजय दत्त, अजय देवगन, सैफ अली खान, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, नागार्जुन, मनोज वाजपेयी, संजय कपूर, अभिषेक बच्चन, राज बब्बर, किरन कुमार, आशीष विद्यार्थी, मोहनीश बहल, सुदेश बेरी, करन नाथ, अयूब खान, अमित बहल, अमर उपाध्याय, आशुतोष राणा, अवतार गिल, मिलिंद गुनाजी सहित कुल 32 एक्टर्स शामिल थे। वहीं एक्ट्रेसेस में करीना कपूर, रानी मुखर्जी, ईशा देओल आदि मुख्य भूमिकाओं में थीं। लेह की ऊंचाई में शूट की जा रही फिल्म एलओसी करगिल में 1000 सेना के जवान भी शामिल हुए थे, इसके अलावा फिल्म की शूटिंग के लिए कुल 55 कैमरा क्रू मौजूद थे। शूटिंग के दौरान फिल्म की यूनिट इतनी बड़ी थी कि कुल 12 होटलों में सभी एक्टर्स और आर्ट‍िस्ट्स के ठहरने का प्रबंध किया गया था। LOC करगिल में हथियारों का इस्तेमाल भी भरपूर किया गया, इन्हें चंडीगढ़ से लेह तक ले जाने में पांच दिनों का समय लगा था।



फिल्म का सेट और लोकेशन इतना बड़ा था कि शूटिंग के दौरान एक्टर्स का कहना था कि उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वे एक साथ 5 फिल्मों में काम कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक डायरेक्टर जेपी दत्ता ने एलओसी करगिल की शूटिंग से पहले करगिल युद्ध में शहीद परिवारों के साथ लगभग 26 बार बैठक की थी। फिल्म बनाने में कोई चूक न हो इसलिए वे हर बात नोटबुक में लिखते जाते थे। युद्ध के बैकग्राउंड से जुड़े लगभग 200 नोटबुक्स थे जिसमें जेपी ने खुद अपने हाथों से नोट्स लिखे थे। डायरेक्टर जेपी दत्ता ने एलओसी करगिल से पहले भी युद्ध पर आधारित फिल्में बनाई हैं। उन्होंने 1997 में बॉर्डर का निर्माण किया जिसे बहुत बड़ी सक्सेस मिली। फिल्म में लाइव और रियल एम्यूनिशन का इस्तेमाल किया गया, फिल्म में इस्तेमाल किए गए गन्स आर्मी द्वारा जारी किए गए थे। इनमें AK 47, INSAS राइफल्स, SLR's, मीडियम मशीन गन्स, लाइट मशीन गन्स, बोफोर्स, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर्स, 105 मिमी शामिल थे। इस फिल्म की शूटिंग में लेह के ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद खराब मौसम ने भी मुश्क‍िलें पैदा की थीं। खून जमा देने वाली ठंड, ऊंचाई और ऑक्सीजन की कमी के कारण एलओसी करगिल की शूटिंग में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

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